रोते हुए बच्चे को गोद में उठाए,
पति पत्नी कवि सम्मेलन से बाहर आए,
हमने बीच में ही उठकर आने का कारण पूछा
तो गुस्से से चिल्लाए-
इतना घटिया कवि सम्मेलन था
कभी नहीं भुला पाएंगे,
क्या मालूम था, बारह कवि मिलकर
छ: महीने के बच्चे को नहीं सुला पाएंगे।
26.3.10
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क्या बात है ...
ReplyDeleteअगर आप को हो पता तो बढिया कविसम्मलेन का पता बताये
जहाँ आज के तनाव से उबर कर बच्चे ही नहीं बड़े भी सुकून पाए
सोनलजी,
ReplyDeleteआपका अनुरोध ध्यान में है,
पर मां बाप की खुशी तो
बच्चों की मुस्कान में है।
आपको जानकारी मिल जाएगी
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